बदरीनाथ धाम इन दिनों बर्फ के आगोश में है। यहां लगभग छह से सात फीट तक बर्फ जमी है। अत्यधिक बर्फबारी होने से धाम में पैदल रास्तों और दुकानों को भी क्षति पहुंची है। बदरीनाथ धाम में चटख धूप खिलने के बाद अब चट्टानों से रह-रहकर एवलांच टूट रहे हैं। नर और नारायण पर्वत से बर्फ नीचे गिर रही है। बस स्टैंड से लेकर साकेत तिराहे, बदरीनाथ आस्था पथ और बामणी गांव में कई मकानों को बर्फ से क्षति पहुंची है। छह माह बदरीनाथ धाम में हेलीकॉप्टर सेवा का संचालन करने वाले विकास जुगरान ने बताया कि बर्फ से पैदल रास्तों के किनारे रेलिंग क्षतिग्रस्त हुई है। वहीं देश का अंतिम गांव माणा भी बर्फ के आगोश में समा गया है। यहां करीब सात फीट तक बर्फ जमी है।
जोशीमठ-औली मोटर मार्ग पर कई जगह सड़क किनारे अभी भी बर्फ जमी है। ठंड अधिक पड़ने से इन जगहों पर जमकर पाला पड़ रहा है, जिससे यहां वाहन आवाजाही के दौरान रपट रहे हैं। जिले के घाट, निजमुला घाटी, देवाल, थराली, जोशीमठ ब्लॉक में भी पाला लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। मलारी राजमार्ग पर रविग्राम के समीप सड़क पर पाला जमने से कई वाहन रपट चुके हैं। जिन जगहों पर पाला जम रहा है वहां नमक और चूने का छिड़काव किया जा रहा है। नमक डालने से पाला तुरंत गल जाता है। सबसे अधिक पाला जमने की समस्या जोशीमठ-औली मार्ग पर आ रही है, यहां निरंतर नमक छिड़का जा रहा है।